मैं अपने चालीस वर्ष के बैंकिंग अनुभव के आधार पर लिख रहा हूँ कि अधिकतर बैंक मे कार्यरत कर्मकार (वर्कमैन) स्टाफ को अपनी भूमिका, ज़िम्मेदारियाँ और जवाबदेही का ज्ञान कम होता है यां होता ही नहीं है, जो न केवल उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित करता है बल्की उनको अनचाहिए नुक़सान/अनुशासनात्कम कार्यवाही जैसी तानव युक्त व दुखदाई स्थिति को न केवल अनावृत (एक्सपोज़्ड) करती है बल्कि उनको और उनके परिवार को दुष्परिणाम भुगतना पड़ता है।
परिचय: भारतीय बैंकिंग प्रणाली दशकों से देश की आर्थिक प्रगति का एक आधार स्तंभ रही है। बैंकिंग प्रणाली की समृद्ध नींव बनाने में उसके कर्मचारियों व अधिकारियों का योगदान होता है। मौजूद कर्मचारियों में एक अहम स्थान क्लर्क या डेस्क एक्ज़ीक्यूटिव यां कस्टमर सर्विस असिस्टेंट [यह नामपद्धति 01.04.2024 से 12वें बाइपार्टाइट सेटलमेंट के अंतर्गत हुआ है] का होता है। ये फ्रंटलाइन कर्मचारी प्रतिदिन लाखों ग्राहकों के साथ सीधे संवाद करते हैं और बैंकिंग सेवा के संचालन में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए राष्ट्र की आर्थिक विकास सहायक सिद्ध होते हैं।वर्तमान बैंकिंग प्रथाओं मे बहुत सारे डिजिटल आधारित तकनीकी बदलाव आ रहें हैं। ऐसी स्थिति मे प्रत्येक कर्मचारी को उसकी भूमिका जैसे यूपीआई, नेट बैंकिंग और मोबाइल ऐप्स के बारे में जानकारी देना, तकनीकी दक्षता नई फिनटेक तकनीकों को सीखना और उन्हें ग्राहकों को सुलभ बनाना, बहुकार्यकुशलता (मल्टीटास्किंग) अब एक क्लर्क को ग्राहक सेवा के साथ-साथ आईटी, प्रशासन, और डेटा एंट्री में भी दक्ष होना आवश्यक है। ज़िम्मेदारियाँ और जवाबदेही का ज्ञान होना अत्याधिक अनिवार्य है। ऐसा ज्ञान न केवल आपकी कार्य क्षमता बढ़ायेगा बल्कि त्रूटियों के स्तर को और उनसे होने वाले नुक़सान [आर्थिक व कस्टमर सर्विस संबंधी] को कम करने मे सहायक होगा।
12वें बाइपार्टाइट सेटलमेंट के “शेड्यूल-II भाग-अ” के अंतर्गत इनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत सूची कुछ इस प्रकार है: यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्लर्क/डेस्क एक्ज़ीक्यूटिव/ कस्टमर सर्विस असिस्टेंट का कार्य सिर्फ रूटीन डेस्क गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी बहुपरतीय ज़िम्मेदारियाँ हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है:
• विभ्भिन प्रकार के काउंटरों पर ग्राहको द्वारा उठाए बैंकिंग से संबंधित कार्यों/समस्याओं का ग्राहक की तसली अनुसार निपटारा करना।
* “मे आई हेल्प यू” काउंटर पर काम, ग्राहक सेवा और मार्गदर्शन फॉर्म भरना, पासबुक अपडेट करना, समस्या समाधान करना और बैंकिंग सेवाओं की जानकारी देना।
* वित्तीय कार्य जैसे चेक , मसौदा (ड्राफ्ट), लाभांश अधिपत्र (डिविडेंड वारंट), भुगतान आदेश (पे ऑर्डर)/ बैंकर चेक , बिल्स, डाक (टपाल/लेटर्स/कोरियर्स/स्पीडपोस्ट/रजिस्टर्ड पोस्ट) इत्यादि की रसीद व पावती लेना/देना व प्रेषण (डिस्पैच) करते समय यह निश्चित करना की शाखा से बाहिर जाने वाली डाक की सामग्री (कंटेंट) पूरे/उचित हैं। शाखा प्रबंधक द्वारा आवंटित कोई ओर लिपिक (क्लेरिकल) कार्यों को तसलीबख़्श व सावधानीपूर्वक निष्पादित करना।
* ऐसे सभी कार्य, जैसे ग्राहक द्वारा Rs.50,000/- तक की कीगई जमा नकदी और उस का प्राधिकार (ऑथोराइज़ेशन) व Rs.50,000/- तक के नकद चेक/ अन्य इस जैसे उपकरण (इंस्ट्रूमेंट्स) की स्वतंत्र रूप से पासिंग और Rs.1,00,000/- तक के समाशोधन (क्लीयरिंग) और हस्तांतरण (ट्रांसफर) वाउचर ऐव्म इन जैसे अन्य उपकरण की स्वतंत्र रूप से पासिंग और इस सीमा से ऊपर Rs.2,00,000/- तक के ऐसे सभी उपकरण की पासिंग संयुक्त रूप से अन्य वरिष्ठ कस्टमर सर्विस असिस्टेंट के साथ मिलकर की जाएगी और Rs.2,50,000/- तक के ऐसे सभी उपकरण की पासिंग संयुक्त रूप से अन्य वरिष्ठ कस्टमर सर्विस असिस्टेंट के साथ मिलकर की जाएगी और Rs.4,00,000/- तक के ऐसे सभी उपकरण की पासिंग संयुक्त रूप से अन्य स्पेशल कस्टमर सर्विस असिस्टेंट के साथ मिलकर की जाएगी। नकदी विभाग/मुद्रा सन्दूक (करेंसी चेस्ट) मे नकदी की पुनर्गणना (रिकाउंटिंग) करना।समर्पित और विशिष्ट नकदी काउंटर पर कार्य करना और इस काउंटर पर ग्राहक से नकदी लेने यां देने के लिए कोई भी कैसी भी हद (लिमिट) लागू नहीं होती।
• खातों के खोलने से संबंधित फॉर्म्स पर्यवेक्षी (सुपरवाइजरी) स्टाफ द्वारा सत्यापित और अनुमत हो जाने के पश्चात्, इन फ़ॉर्मो का सभी ब्यौरा की डेटा एंट्री, आधार कार्ड आधारित व पैन कार्ड का ब्यौरा मिलाकर, सिस्टम मे एंट्री करनी होगी।
* केवाईसी/इ-केवाईसी/री-केवाईसी/सी-केवाईसी से संबंधित जानकारी ग्राहक से साँझा करना व उनको इन से संबंधित कार्यवाही को पूरा करने मे मार्गदर्शन करना और कार्यवाही पूरी होने तक फॉलो-अप करना। केवाईसी से संबंधित दस्तावेजों के पर्यवेक्षी (सुपरवाइजरी) स्टाफ द्वारा सत्यापित और अनुमत हो जाने के पश्चात्, इन दस्तावेजों का सभी ब्यौरा सिस्टम मे अद्यतन (अपडेट) और अपलोड करना।
* खातों का लेखा जोखा हार्ड कॉपी/सॉफ्ट कॉपी मे उत्पन करना व ग्राहक के अनुरोध अनुसार यां पर्यवेक्षी (सुपरवाइजरी) स्टाफ के आदेश अनुसार डाक/कोरियर्स/स्पीडपोस्ट/रजिस्टर्ड पोस्ट से भेजना यां दस्ती देना।
* सिबिल रिपोर्ट उत्पन करना।
* जब भी जरूरत हो, पासबुक/बारकोड/ब्रांच व ग्राहक के ब्योरे संबंधित पेज और लेनदेनो के ब्योरे संबंधित पेज की प्रिंटिंग ग्राहक के आवेदन अनुसार करना।
* ग्राहक के आवेदन पर सिस्टम से शेष राशि के प्रमाण पत्र को उत्पन और प्रिंट करना व पर्यवेक्षी (सुपरवाइजरी) स्टाफ द्वारा प्रमाणीकरण/अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करना।
* सिस्टम मे ग्राहक के खड़े अनुदेश (स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन)/भुगतान रोकने (स्टॉप पेमेंट) निर्देश/पॉजिटिव पे सिस्टम पत्र को दर्ज करना और पर्यवेक्षी (सुपरवाइजरी) स्टाफ द्वारा प्रमाणीकरण/अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करना।
* पर्यवेक्षी (सुपरवाइजरी) स्टाफ के अनुमोदन के अधीन (सब्जेक्ट टू), संबंधित रजिस्टर मे चेकबुक व डेबिट कार्ड के ब्यौरे को दर्ज करना/चढ़ाना व ग्राहक से पावती ले कर चेकबुक व डेबिट कार्ड बाटना।
* पर्यवेक्षी (सुपरवाइजरी) स्टाफ के अनुमोदन (ऑथेंटिकेशन) हेतु ग्राहको के हस्ताक्षरों के नमूनों की स्कैनिंग व सिस्टम मे कैप्चर करना।
* ऋण विभाग मे कार्यरत क्लर्क/डेस्क एक्ज़ीक्यूटिव/ कस्टमर सर्विस असिस्टेंट को ऋण अधिकारी की मदद करनी होगी; जैसे कि उधार लेने वाले ग्राहक को पत्र लिख कर अतिदेय किस्त (ओवरड्यू इंस्टॉलमेंट), अतिदेय सूचना (ओवरड्यू नोटिस), डिफ़ॉल्ट एडवाइस, उधार लेने वाले ग्राहक को मिलना व ऋण खाते को नियमित करने के लिए फ़ोन/पत्र/ईमेल द्वारा याद करवाना।
* सावधी जमा (फिक्स्ड डिपाजिट) के नवीनीकरण करने व जमा की परिपक्वता (मैच्युरिटी) की तारीख़ और लॉकर का किराया/ नवीनीकरण शुल्क इत्यादि के सूचना पत्र सिस्टम से उत्पन्न करना और ग्राहक को भेजना।
* लॉकर संचालन से संबंधित प्रविष्टि (एंट्री) मैनुअल रजिस्टर यां सिस्टम मे करना और ग्राहक द्वारा लॉकर के परचालन करने मे पर्यवेक्षी (सुपरवाइजरी) स्टाफ की सहायता (सिवाए लॉकर चाबी रखने के) करना। अतिदेय लॉकर फीस की उग्राही से संबंधित अनुवर्ती कार्रवाई डाक/फ़ोन/निर्धारित प्रारूप पत्र इत्यादि द्वारा करने का कार्य।
* लेखापरीक्षा विभाग मे लेखापरीक्षा रिपोर्ट बनाने मे और उससे संबंधित पत्राचार मे आंतरिक लेखा परीक्षक की सहायता करना।
* आवक स्मशोधन/ जावक स्मशोधन/अन्नय (एक्सक्लूसिव) विभाग/विशिष्ट शाखा जैसे सेवा शाखा (सर्विस ब्रांच), चेक प्रसंस्करण केंद्र (चेक प्रोसेसिंग सेंटर) मे चेकों की स्कैनिंग और अपलोडिंग करना व सौंपा गया कार्य करना। स्मशोधन वापसी ज्ञापन (मेमो) बनाना/ उत्पन्न करना व ग्राहक को अग्रेषित करना।
* कस्टमर सर्विस असिस्टेंट की सेवाओं का अधिकारिओं के कार्यरत सहायक के तौर पर उपयोग करना, प्रशासनिक कारयाले/विभाग मे पत्राचार/अनुवर्ती कार्य/सांखियेकीय (स्टैटिस्टिकल) डेटा उत्पन्न करना/रिटर्न व स्टेटमेंट बनाना।
नोट: जिस भी क्लेरिकल स्टाफ को सेवा शाखा (सर्विस ब्रांच), चेक प्रसंस्करण केंद्र (चेक प्रोसेसिंग सेंटर) मे रात की पाली/ओड हॉर्स मे काम करने के एवज इनकन्वीनेन्स अलाउंस, वाहन उपलब्ध करवा के क्षतिपूर्ति की जाएगी।
* पर्यवेक्षी (सुपरवाइजरी) स्टाफ के अनुमोदन (ऑथेंटिकेशन) हेतु पेंशनभोगी के जीवन प्रमाण पत्र को सिस्टम में आपूर्ति (फीड) करना।
* कस्टमर सर्विस असिस्टेंट जिस के पास अपेक्षित अनुभव/प्रमाणीकरण (सर्टिफिकेशन) होगा उसे टेलीफोन ऑपरेटर का काम दिया/कराया जा सकता है। इन्हें ऋण विभाग मे; जो सोना/हीरा-मोती ऋण से संबंधित ऋणों/ऋण दस्तावेजो को सिस्टम मे आपूर्ति (फीड) करने मे पर्यवेक्षी (सुपरवाइजरी) स्टाफ की सहायता (सिवाय गिरवी रखे सोना/हीरा-मोती की गुणवता का अनुमोदन) करना। इन की सेवाओं को ग्रामीण विकास विभाग/कृषि ऋण विभाग मे अधिकारिओं के कार्यरत सहायक के तौर पर उपयोग कर सकते हैं और इन से विभाग मे पत्राचार/अनुवर्ती कार्य/सांखियेकीय (स्टैटिस्टिकल) डेटा उत्पन्न करना/इंस्पेक्शन रिपोर्ट्स इत्यादि काम करा सकते हैं।
* कस्टमर सर्विस असिस्टेंट (सीएसए) का उपयोग शाखा/कार्यालय के बाहर ऋण वसूली में किसी अधिकारी की सहायता करने/साथ जाने के लिए किया जा सकता है, बशर्ते कि आने-जाने का भत्ता, अन्य व्यक्तिगत खर्चे तथा यदि देय हो तो ओवरटाइम वेतन की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
* कस्टमर सर्विस एसोसिएट का उपयोग नए व्यवसाय की प्राप्ति, विपणन (मार्केटिंग), ग्राहकों को डिजिटल/अन्य बैंकिंग उत्पादों/ऋण उत्पादों के बारे में मार्गदर्शन देने के लिए कार्यालय समय के भीतर और बिना किसी निर्धारित लक्ष्य के किया जा सकता है।
नोट: (क) बैंक शाखा/कार्यालय के बाहर विशेष विपणन कार्य/टीम/विभाग में कस्टमर सर्विस एसोसिएट्स (सीएसए) का उपयोग कर सकते हैं, इसके लिए उन्हें दिशानिर्देश तथा सुविधाएँ प्रदान की जा सकती हैं, जैसे कि (क्लॉज 16 में उल्लिखित के अतिरिक्त) आने-जाने के खर्च की प्रतिपूर्ति/पेट्रोल खर्च, अन्य व्यक्तिगत खर्च, प्रति माह निर्धारित सीमा तक मोबाइल फोन बिल, भोजन व्यय, आतिथ्य व्यय, वाहन पार्किंग शुल्क आदि। इन सभी बातों
का निर्णय प्रत्येक बैंक अपने स्तर पर कर सकता है।
(ख) बैंक इस विशेष विपणन कार्य के लिए कर्मचारी चयन हेतु उपयुक्त दिशा-निर्देश तैयार कर सकते हैं, जो कि निर्धारित मापदंडों, उपयुक्तता, उत्पाद ज्ञान, अभिरुचि, विपणन में विशेष योग्यता आदि पर आधारित हों।
* बैंकों को उन कस्टमर सर्विस एसोसिएट्स, जो बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्ति हैं, को कार्य आवंटित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसपीओ) / दिशा-निर्देश विकसित करने चाहिए।कस्टमर सर्विस एसोसिएट को बैंक के अपने प्रशिक्षण संस्थान या किसी बाहरी संगठन/संस्थान में प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर भेजा जा सकता है। कस्टमर सर्विस एसोसिएट्स (सीएसए), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (नेफ़्ट) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) के अंतर्गत प्रेषण (रेमिटेंस) का विवरण दर्ज कर सकते हैं, लेकिन उसका अनुमोदन (ऑथोराइज़ेशन) और उत्तरदायित्व पर्यवेक्षी स्टाफ का होगा।
* ग्राहकों को नेट बैंकिंग / मोबाइल बैंकिंग सुविधा सक्रिय करने में सहायता करना। ग्राहकों को डिजिटल उत्पादों, ऋण उत्पादों और उपलब्ध वैकल्पिक सेवा माध्यमों के प्रति जागरूक करना। ऋण/क्रेडिट विभाग में कार्य करना और सेंट्रल रजिस्ट्री ऑफ सिक्योरिटाइजेशन एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट ऑफ इंडिया (सरसाई) पोर्टल से सरसाई जनरेट करना। सरसाई पोर्टल में डेटा प्रविष्ट करना, जिसे आगे पर्यवेक्षी स्टाफ द्वारा सत्यापित और अनुमोदित किया जाएगा।
* फॉरेक्स विभाग में, कस्टमर सर्विस एसोसिएट्स को इनवर्ड रेमिटेंस, आउटवर्ड रेमिटेंस, निर्यात बिलों की प्राप्ति, आयात और निर्यात बिलों के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट की लॉजमेंट, स्विफ्ट (SWIFT) क्रेडिट प्रविष्टियों को देखना और उसकी सूचना भेजने जैसे कार्यों में “मेकर” की भूमिका निभाने के लिए कहा जा सकता है।
* आई.टी. विभाग में कस्टमर सर्विस एसोसिएट्स से क्षेत्रीय संग्रह केंद्र (आरसीसी) या हेल्पडेस्क द्वारा किए जाने वाले कार्यों जैसे पैच (patch) प्रोग्राम चलाना, हार्डवेयर का रिकॉर्ड रखना आदि कार्य कराए जा सकते हैं। (BCA, B.Tech, MCA आदि योग्यताओं वाले कर्मचारियों को ऐसे कार्य सौंपे जा सकते हैं)।
वरिष्ठ कस्टमर सर्विस एसोसिएट (एससीएसए)(कैश) के कर्तव्य
इस समझौते (12वें बाइपार्टाइट सेटलमेंट) के अंतर्गत प्रदान की गई पासिंग शक्तियों के अलावा, इनके कर्तव्यों में बैंक की नकदी, चाबियाँ और/या अन्य कीमती वस्तुओं को एक अधिकारी के साथ संयुक्त रूप से सुरक्षित अभिरक्षा में रखना, उनके लिए उत्तरदायी होना और नकदी विभाग के संचालन की जिम्मेदारी संभालना शामिल है। इसके अतिरिक्त इनके कर्तव्य निम्नलिखित हैं:
- नकद चेक और इसी प्रकार के अन्य दस्तावेजों को स्वतंत्र रूप से पास करना — अधिकतम ₹50,000 तक।
- नकद प्राप्ति और स्वीकृति — स्वतंत्र रूप से अधिकतम ₹50,000 तक।
- पहले से हस्ताक्षरित डिमांड ड्राफ्ट (DD) आदि के लिए नकद प्राप्ति — स्वतंत्र रूप से अधिकतम ₹50,000 तक।
- क्लियरिंग/ट्रांसफर वाउचर/अन्य समान दस्तावेज़ों को स्वतंत्र रूप से पास करना — अधिकतम ₹50,000 तक।
- ₹1 या उससे अधिक किंतु ₹50,000 तक के क्लियरिंग और ट्रांसफर वाउचर तथा अन्य समान दस्तावेज़ों को किसी अन्य कस्टमर सर्विस एसोसिएट या विशेष CSA के साथ संयुक्त रूप से पास करना।
- कार्यालय समय के दौरान ऑन-साइट एटीएम/कैश रीसायकल मशीन या अन्य समान मशीनों में नकद लोड करना/भरना — विशेष कस्टमर सर्विस एसोसिएट (एससीएसए) या अधिकारी के साथ संयुक्त रूप से।
- शाखा में उपलब्ध कैश डिपॉजिट मशीनों/कैश रीसायकल मशीनों या अन्य समान मशीनों से नकद संग्रह करना और उसे जमा करना — प्रविष्टियों का मिलान करने के बाद, विशेष कस्टमर सर्विस एसोसिएट (एससीएसए) या अधिकारी के साथ संयुक्त रूप से।
- ओपिनियन रिपोर्ट तैयार करना।
- स्थानीय भाषा में किए गए हस्ताक्षरों/अनुशंसाओं का सत्यापन करना।
- चेक और/या ड्राफ्ट (स्वयं पर या संबंधित शाखाओं पर), भुगतान आदेश, जमा रसीद आदि पर सह-हस्ताक्षर करना।
- सरकारी कोषागार (ट्रेजरी) कार्यों को देखना।
- बिलों, चेकों आदि को डिस्चार्ज/एंडोर्स करना।
- ग्राहकों से नकद प्राप्त करना और उन्हें नकद भुगतान करना। विशेष रूप से समर्पित नकदी काउंटरों पर ग्राहक से नकद प्राप्त करने और उन्हें नकद भुगतान करने की कोई सीमा नहीं होगी।
विशेष कस्टमर सर्विस एसोसिएट (एससीए) के कर्तव्य
कस्टमर सर्विस एसोसिएट के कर्तव्यों के अतिरिक्त, विशेष कस्टमर सर्विस एसोसिएट विभाग/सेक्शन के संचालन के लिए उत्तरदायी और जवाबदेह होंगे। इनके कर्तव्यों में कस्टमर सर्विस एसोसिएट और ऑफिस असिस्टेंट के कार्य की देखरेख और जांच शामिल होगी। इनके अन्य कर्तव्य निम्नलिखित हैं:
- रुपये 100000/- तक के नकद चेक और इसी प्रकार के अन्य दस्तावेजों को स्वतंत्र रूप से पास करना।
- रुपये 300000/- तक के क्लियरिंग/ट्रांसफर वाउचर/अन्य समान दस्तावेज़ों को स्वतंत्र रूप से पास करना।
- रुपये 300000/- या उससे अधिक किंतु रुपये 450000/- तक के क्लियरिंग और ट्रांसफर वाउचर तथा अन्य समान दस्तावेजों को किसी अन्य कस्टमर सर्विस एसोसिएट या वरिष्ठ सीएसए (कैश) के साथ संयुक्त रूप से पास करना।
- रुपये 200000/- तक के नकद प्राप्तियों की स्वीकृति स्वतंत्र रूप से करना।
- उपर्युक्त सीमा तक चेकों को पास करना, जिसमें हस्ताक्षर का सत्यापन और एंडोर्समेंट तथा अन्य विवरणों की जांच शामिल होगी। हस्ताक्षर सत्यापन, प्रमाणित क्रेडिट वाउचर/एंट्री पास करने और लेजर, बहीखातों, कंप्यूटर प्रिंटआउट आदि में प्रमाणित वाउचर की जांच के लिए कोई सीमा नहीं होगी।
- नकद/ट्रांसफर/क्लियरिंग चेकों और अन्य दस्तावेजों को स्वीकार करना, सत्यापित करना और मैन्युअली या ऑनलाइन उपयुक्त खाता पुस्तकों/लेजर में प्रविष्ट करना तथा यथोचित रसीद देना।
- वाउचर, चेक, ड्राफ्ट, मेल ट्रांसफर, भुगतान आदेश, सलाह जैसे कि अवितरण सलाह (नॉन पेमेंट एडवाइस), इंटर-ब्रांच फेट कॉलिंग सलाह, बिल शेड्यूल, डिमांड नोटिस, स्टेटमेंट, प्रमाणपत्र आदि पर हस्ताक्षर करना।
- सभी वाउचर, सलाह, स्टेटमेंट, चेक, ड्राफ्ट आदि, बिल और खाता पुस्तकों की जांच करना, जिनमें चालू, बचत और अन्य लेजर, नकद, डाक एवं राजस्व टिकट, फ्रैंकिंग मशीन का बैलेंस, एक्सचेंज, डिस्काउंट, ब्रोकरेज की गणना और प्रारंभिक निरीक्षण करना शामिल है — उनकी शुद्धता/सही होने के लिए प्रमाणित करना।
- चालू, बचत और अन्य खातों की मैन्युअल या ऑनलाइन जांच करना।
- चेक, बिल आदि को डिस्चार्ज करना या एंडोर्स करना।
- आवश्यक होने पर, कंप्यूटरीकृत प्रणाली में प्रणाली नियंत्रण (सिस्टम कंट्रोल) कार्य करना — या तो किसी अधिकारी के साथ संयुक्त रूप से या स्वतंत्र रूप से, यदि इस संबंध में विशेष रूप से प्राधिकृत किया गया हो।
- बैंक के विभिन्न उत्पादों और सेवाओं की विशेषताओं को ग्राहकों को संक्षेप में समझाना, उनकी शंकाओं का उत्तर देना तथा इच्छुक ग्राहकों को उपयुक्त अधिकारी/कर्मचारी के पास भेजना।
- कार्यालय समय के दौरान ऑन-साइट एटीएम/कैश रीसायकल मशीन या अन्य समान मशीनों में नकदी लोड करना/भरना — वरिष्ठ कस्टमर सर्विस एसोसिएट (कैश) या अधिकारी के साथ संयुक्त रूप से।
- शाखा में उपलब्ध कैश डिपॉजिट मशीन/कैश रीसायकल मशीन या अन्य समान मशीनों से नकद संग्रह करना और उसे जमा करना — प्रविष्टियों का मिलान करने के बाद, वरिष्ठ कस्टमर सर्विस एसोसिएट (कैश) या अधिकारी के साथ संयुक्त रूप से।
* विभाग या सेक्शन के कुशल और प्रभावी संचालन के उद्देश्य से, विशेष कस्टमर सर्विस एसोसिएट यह सुनिश्चित करेगा कि आवश्यक सभी कार्य, क्रियाएं और कदम स्वयं या उसके अधीन नियुक्त कस्टमर सर्विस एसोसिएट के द्वारा समय पर किए जाएं, और जहां आवश्यक हो, निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखा जाए:
a) समय पर रिमाइंडर (अनुस्मारक) भेजे जाएं और उनका उचित अनुसरण किया जाए।
b) पास शीट/पास बुक समय पर भरी जाएं और जारी की जाएं।
c) जमा राशियों (डिपाजिट) का समय पर नवीनीकरण किया जाए या संबंधित पक्षों को रिमाइंडर भेजा जाए।
d) स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन्स का पालन किया जाए।
e) बिल स्वीकार किए जाएं, उनकी देय तिथि डायरी में दर्ज की जाए और उसका अनुसरण किया जाए।
f) ब्याज, कमीशन और सेवा शुल्क की वसूली की जाए।
g) बिल की प्राप्त राशि तुरंत प्राप्त या प्रेषित की जाए।
h) ग्राहकों के खातों की बैलेंस कन्फर्मेशन (पुष्टि) की जाए और उसका फॉलो-अप किया जाए।
i) उस विभाग/सेक्शन से संबंधित सभी प्रतिभूतियों (स्क्योरिटीज़) को सुरक्षित रखा जाए, उचित अभिरक्षा में रखा जाए और दिन के अंत में अधिकृत व्यक्ति को ठीक से सौंपा जाए।
j) जब भी आवश्यक हो, सलाह पत्र और/या डुप्लिकेट सलाह पत्र/सारांश तुरंत जारी किए जाएं या उनका उत्तर दिया जाए।
k) अधिकृत रूप से खोले गए खातों में प्रविष्टियों और सभी संबंधित विवरणों के उचित अभिलेखन की जांच की जाए।
l) निरीक्षण अधिकारियों की उपस्थिति में नकद शेष, प्रतिभूतियों आदि की गिनती में सहायता की जाए।
m) बैंक के पास गिरवी रखी गई प्रतिभूतियों की मात्रा और मूल्य की जांच में निरीक्षण अधिकारियों की सहायता की जाए।
n) स्टेशनरी की वस्तुओं की जांच करना, वाउचर और रसीदों पर निशान लगाना तथा शाखा/उप-शाखा की इंटर-ब्रांच आइटम्स, इन-ट्रांजिट आइटम्स, सस्पेंस चार्जेज़, अन्य जमा और स्टेशनरी खातों के अतिरिक्त अन्य वाउचर्स की जांच में सहायता करना।
o) ऑडिट रिटर्न/रिपोर्ट तैयार करने, टाइपिंग में सहायता करना और सामान्य रूप से निरीक्षण अधिकारी को आवश्यकतानुसार उनके कार्यों में सहायता करना।
* टिप्पणियाँ: विशेष वेतन (स्पेशल पे) वाले पदों के संबंध में:
a) काउंटरसाइनिंग का अर्थ है ऐसे तरीके से हस्ताक्षर करना, जिसमें यह सुनिश्चित करने की प्राथमिक जिम्मेदारी दूसरे हस्ताक्षरकर्ता की होती है कि सभी औपचारिकताएं पूर्ण हैं।
b) जांच/सत्यापन (चेकिंग/वेरिफिकेशन) का अर्थ है यह सुनिश्चित करना कि संबंधित दस्तावेज़/सामग्री सभी दृष्टिकोण से सही है। इसमें हस्ताक्षर का सत्यापन भी शामिल है, चाहे उस दस्तावेज़ की राशि कुछ भी हो, और उस पर प्रमाणन करना, साथ ही संबंधित खाता पुस्तकों में संबंधित प्रविष्टियों पर हस्ताक्षर करना — चाहे मैन्युअली हो या ऑनलाइन।
c) पासिंग में हस्ताक्षरों का सत्यापन तथा उस दस्तावेज़ पर एंडोर्समेंट की शुद्धता और अन्य विवरणों की जांच शामिल है। यह संबंधित खाता पुस्तकों/लेजर/कंप्यूटर शीट्स तथा/या ऑनलाइन प्रविष्टियों की जांच और प्रमाणन को भी सम्मिलित करता है।
(ii) विशेष वेतन वाले विशेष कस्टमर सर्विस एसोसिएट पद हेतु कर्मचारियों का चयन, उनके उस विशेष कार्य के लिए उपयुक्त होने के आधार पर किया जाएगा, जिसका निर्णय बैंक स्तर पर लिया जाएगा।
(iii) कृपया ध्यान दें कि:
a) यदि किसी कर्मचारी को उच्च विशेष वेतन से युक्त कार्य सौंपा गया है, तो समय उपलब्ध होने की स्थिति में वह अपने कैडर यानी कस्टमर सर्विस एसोसिएट (सीएसए) के नियमित कार्य भी करेगा/करेगी।
b) दिनांक 19-10-1966 के सेटलमेंट की धारा 5.14 (ii) में वर्णित प्रावधानों के अतिरिक्त, अब जिन कार्यों और जिम्मेदारियों पर सहमति बनी है — कस्टमर सर्विस एसोसिएट (सीएसए)/ वरिष्ठ कस्टमर सर्विस एसोसिएट (एससीएसए) (कैश) /वशिष्ट कस्टमर सर्विस एसोसिएट (एससीएसए) — उन्हें “पर्यवेक्षी कार्य” (सुपरवाइजरी ड्यूटीज) नहीं माना जाएगा,
और ये कर्मचारी, भले ही उनके वेतन, पदनाम या नामकरण कुछ भी हों, औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के तहत ‘कामगार’ (वर्कमैन) माने जाएंगे।
c) विशेष कस्टमर सर्विस एसोसिएट्स के कार्यों में वरिष्ठ कस्टमर सर्विस एसोसिएट (कैश) के कार्य शामिल नहीं हैं।
d) इस समझौते के अंतर्गत बताए गए सभी कार्य निर्धारित कार्य समय के भीतर ही किए जाने के अधीन होंगे।
* ज़िम्मेदारियाँ एवं नैतिक उत्तरदायित्व: भारतीय बैंकिंग नियामक प्रणाली में क्लर्क की भूमिका अत्यधिक जवाबदेही से जुड़ी होती है:
1 वित्तीय सटीकता और पारदर्शिता, ग्राहकों की धनराशि का निष्पक्ष प्रबंधन और गलती रहित कार्य निष्पादन सुनिश्चित करना।
2 गोपनीयता का पालन ग्राहक की व्यक्तिगत व वित्तीय जानकारी को गोपनीय रखना और गलत उद्देश्य से उसका दुरुपयोग न करना।
3 समय का प्रबंधन सीमित समय में अधिक से अधिक ग्राहकों को सेवा देना, जिससे बैंक की दक्षता में वृद्धि हो।
4 टीम सहयोग शाखा के अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यों का तेज और प्रभावशाली निष्पादन।
5 ग्राहक, अधिकारियों व सहयोहियों के प्रति विनम्र व्यवहार रखना। अनुशासन और समय की पाबंदी का पालन।
* जवाबदेही और गुणवत्ता मूल्यांकन: प्रत्येक क्लर्क का कार्य मूल्यांकन न सिर्फ कार्य निष्पादन के आधार पर होता है,
बल्कि ग्राहक संतुष्टि, त्रुटिरहित सेवा, और टीम भावना जैसे पहलुओं पर भी आधारित होता है। उनके कार्य की जवाबदेही
किसी भी वित्तीय त्रुटि, नियमों की अवहेलना, या ग्राहक के साथ असभ्य व्यवहार पर लागू होती है।
* एकाउंटेबिलिटी:
1 नैतिक और व्यावसायिक एकाउंटेबिलिटी: बैंकिंग सेक्टर में विश्वास सबसे बड़ी पूंजी है। यदि क्लर्क की छवि या आचरण से बैंक की साख को नुकसान पहुंचे, तो उस पर निगरानी बढ़ सकती है और सेवा शर्तों में बदलाव हो सकता है। नकदी गड़बड़ी- यदि लापरवाही से कैश कम/ज्यादा हुआ, ग्राहक से दुर्व्यवहार तो शिकायत मिलने पर विभागीय कार्रवाई, धोखाधड़ी का साथ देना तो सह-अपराधी माना जाएगा, सिस्टम अपडेट में गलती
तो जवाबदेह ठहराया जाएगा
2 प्रशासनिक एकाउंटेबिलिटी: ड्यूटी में लापरवाही या अनियमितता पर डिसिप्लिनरी कार्रवाई हो सकती है, जैसे: चेतावनी (वार्निंग), वेतन कटौती, निलंबन (सस्पेंशन), सेवा से हटाना (डिस्मिसल)
3 कानूनी एकाउंटेबिलिटी: यदि कोई क्लेरिकल स्टाफ जानबूझकर फर्जीवाड़ा, गबन या ग्राहक के पैसे की हेरा-फेरी करता है, तो उस पर भारतीय दंड सहिता, पीएमएलए (धन शोधन अधिनियम) आदि के तहत आपराधिक मुकदमा चल सकता है, जेल की सजा और जुर्माना लग सकता है।
निष्कर्ष: भारतीय बैंकिंग प्रणाली में क्लर्क/डेस्क एक्ज़ीक्यूटिव/कस्टमर सर्विस असिस्टेंट की भूमिका केवल एक सामान्य कर्मचारी की नहीं, बल्कि एक उत्तरदायी और भरोसेमंद प्रतिनिधि की है। वह ना केवल बैंकिंग संचालन में कुशलता लाते हैं, बल्कि ग्राहकों का विश्वास बनाए रखने और बैंक की सार्वजनिक छवि को सकारात्मक बनाए रखने में भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
लेखक: सतविंदर सिंह